Dates (खजूर) के सेवन से दमे के रोगियों के फेफड़ों से बलगम (expectoration) आसानी से निकल जाता है। लकवा (Paralysis) और सीने के दर्द (Chest pain) की शिकायत को दूर करने में भी खजूर सहायता करता है।
सर्दियों की मेवा के रूप में प्रकृति ने हमें बहुत सी चीजें दी हैं, जिनमें खजूर की मिठास का भी प्रमुख स्थान रहा है।
यह दिल(Heart) , दिमाग (Brain) , कमर दर्द (Back Pain) तथा आंखों (Eyes) की कमजोरी के लिए बहुत गुणकारी है। खजूर खाने से शरीर की आवश्यक धातुओं को बल मिलता है।
Dates (खजूर) में 60 से 70 प्रतिशत तक शर्करा होती है, जो गन्ने की चीनी की अपेक्षा बहुत पौष्टिक व गुणकारी वस्तु है। खाने में तो खजूर बहुत स्वादिष्ट होती ही है,
सेहत की दृष्टि से भी यह बहुत गुणकारी है। इसके अलावा विभिन्न बीमारियों में भी खजूर का सेवन बहुत लाभ पहुंचाता है |
रात को खजूर भिगोकर सुबह दूध या घी के साथ खाने से मस्तिष्क व हृदय की पेशियों को ताकत मिलती है। विशेषतः रक्त की कमी के कारण होने वाली हृदय की धड़कन व एकाग्रता की कमी में यह प्रयोग लाभदायी है।
खजूर उत्तम वीर्यवर्धक है। गाय के घी अथवा बकरी के दूध के साथ लेने से शुक्राणुओं की वृद्धि होती है। इसके अतिरिक्त अधिक मासिक स्राव, क्षयरोग, खाँसी, भ्रम(चक्कर), कमर व हाथ पैरों का दर्द एवं सुन्नता तथा थायराइड संबंधी रोगों में भी यह लाभदायी है।
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खजूर से बना द्रव्य शहद खूब लज्जतदार होता है और यह शहद दस्त, कफ मिटाकर कई शारीरिक प़ीडाआें को दूर करता है। श्वास की बीमारी में इसका शहद अत्यन्त लाभप्रद होता है। इससे पाचन शक्ति ब़ढती है तथा यह ठंडे या शीत गुणधर्म वाला फल माना जाता है।
सौ ग्राम खजूर में 04 ग्राम चर्बी, 12 ग्राम प्रोटीन, 338 ग्राम कार्बोदित पदार्थ, 22 मिली ग्राम कैल्शियम, 38 मिलीग्राम फास्फोरस प्राप्त होती है। विटामिन ए बी सी, प्रोटीन, लौह तत्व, पोटेशियम और सोडियम जैसे तत्व मौजूद रहते हैं। बच्चों से लेकर ब़ूढे, बीमार और स्वस्थ सभी इसे खा सकते है।
Dates (खजूर) शरीर के अच्छे बैक्टीरिया को बढ़ाता है और खराब बैक्टीरिया को मारता है. इसमें कैलोरीज की मात्रा बहुत ही कम होती है और ऊर्जा का स्तर बहुत अधिक होता है. दूसरे कैलोरी वाले आहार की तुलना में इसमें अधिक मात्रा में कार्बोहाइड्रेट भी होता है. इसमें कोलेस्ट्रॉल और ट्रांसफैट नहीं होता. इसमें सभी प्रकार के न्यूट्रीएंट्स पाए जाते है. साथ ही ये कैलोरी को कम करने में भी मदद करता है.
मघुमेह के रोगी जिनके लिए मिठाई, चीनी इत्यादि वर्जित है, सीमित मात्रा में खजूर का इस्तेमाल कर सकते हैं। खजूर में वह अवगुण नहीं है, जो गन्ने वाली चीनी में पाए जाते हैं।